एस धम्मो सनंतनो
(भाग—8) ओशो
किसी गायक को गीत
गाते देखकर तुम्हें याद आ जाती है अपने कंठ की कि कंठ तो मेरे पास भी है। और किसी
नर्तक को नाचते देखकर तुम्हें याद आ जाती है, अपने पैरों की कि पैर तो मेरे पास भी है। चाहूं तो
नाच तो मैं भी सकता हूं। किसी चित्रकार को चित्र बनाते हुए देखकर तुम्हे भी याद आ
जाती है कि चाहूं तो चित्र मैं भी बना सकता हूं। ऐसो ही किसी बुद्ध को देखकर तुम्हें
याद आ जाती है कि चाहूं तो बुद्धत्व मैं भी पा सकता हूं।
ओशो
एस धम्मो सनंतनो
भाग—8
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